
कोलंबो, ३१ मइ।
श्रीलंकाई सरकार ने लिट्टे के खिलाफ जातीय संघर्ष के बारे में लगातार झूठी कहानी फैलाकर वोट बैंक की राजनीति में शामिल होने के लिए फिर से कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की आलोचना की है। श्रीलंका के विदेश सचिव विजेवर्धने ने कनाडा से रचनात्मक तरीके से जुडऩे और बातचीत का अनुरोध किया है। बैठक में कनाडा के उच्चायुक्त एरिक वाल्श, कनाडाई उच्चायोग के अधिकारी और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। ट्रूडो ने 18 मई को तमिल नरसंहार स्मरण दिवस के रूप में नामित किया, जो श्रीलंका में खूनी संघर्ष की समाप्ति के 15 साल पूरे होने का प्रतीक है।
दो साल पहले कनाडा की संसद ने सर्वसम्मति से 18 मई को तमिल नरसंहार स्मरण दिवस के रूप में मान्यता देने के लिए मतदान किया था। कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा, हम हमेशा संघर्ष के दौरान किए गए अपराधों के साथ-साथ श्रीलंका में सभी को होने वाली कठिनाइयों के लिए न्याय और जवाबदेही की वकालत करेंगे। कोलंबो ने नरसंहार के आरोपों पर तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त की और कनाडाई पीएम पर चुनावी वोट बैंक की राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।