
कोरबा। एसईसीएल प्रबंधन ने टीएमसी मिनरल्स रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता किया है। इसके अंतर्गत सिंघाली भूमिगत कोयला खदान में पेस्ट फिलिंग तकनीक द्वारा बड़े पैमाने पर कोयला उत्पादन किया जाएगा। 25 वर्षों की अवधि में इस परियोजना के माध्यम से अनुमानित 84.5 लाख टन (8.4 मिलियन टन) कोयला उत्पादन किया जाएगा। यह समझौता 7040 करोड़ रुपए की परियोजना के लिए हुआ है।टीएमसी मिनरल्स रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड छत्तीसगढ़ की ही कंपनी है। इस कंपनी रजिस्टर्ड कार्यालय रायगढ़ में तथा कारपोरेट ऑफिस रायपुर में है। सिंघाली भूमिगत खदान से कोयला खनन का कार्य टीएमसी मिनरल्स रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सीधे तौर पर नहीं किया जाएगा। टीएमसी मिनरल्स रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड ने काम के लिए पेस्ट फिल तकनीक में अग्रणी चीनी कंपनी एक्ससीयूएमटी के साथ समझौता किया है। इसमें सीआईएमएफआर, धनबाद और एनआईटी, रायपुर का सहयोग लिया जाएगा।टीएमसी मिनरल्स रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड के एसईसीएल की सात भूमिगत खदानों का ठेका है। इनमें सिंघाली, हल्दीबाड़ी, एनसीपीएच चिरमिरी, बरतराई जमुना कोतमा, साहपुर वेस्ट शहडोल, चर्चा आओ प्रोजेक्ट, झिलमिली भूमिगत खदान सम्मिलित है। यानी इन खदानों को निजी कंपनी को सौंप दिया गया है। क्या है पेस्ट फिलिंग तकनीकपेस्ट फिलिंग एक नवीन भूमिगत खनन तकनीक है, जिसमें खदान से कोयला निकालने के पश्चात उत्पन्न रिक्त स्थान को विशेष पेस्ट से भरा जाता है। यह पेस्ट फ्लाई ऐश, ओपनकास्ट खदानों से प्राप्त क्रश्ड ओवरबर्डन, सीमेंट, पानी और आसंजक रसायनों से तैयार किया जाता है। इस तकनीक के प्रयोग से खनन उपरांत भूमि के धंसने (सबसिडेंस) का खतरा नहीं रहता, और सतह की भूमि के अधिग्रहण की आवश्यकता भी नहीं पड़ती।सिंघाली अंडरग्राउंड खदान को वर्ष 1989 में 0.24 मिलियन टन प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता के लिए अनुमोदित किया गया था और इसका संचालन वर्ष 1993 में प्रारंभ हुआ। वर्तमान में इस खदान में लगभग 8.45 मिलियन टन जी-7 ग्रेड की नॉन-कोकिंग कोयले का रिज़र्व उपलब्ध है।