कोरबा। अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु की कामना के साथ हिंदू सुहागिन महिलाओं ने कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत रखा। दिनभर निर्जला उपवास रखकर महिलाओं ने आस्था दिखाई।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आदिकाल में माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए करवा चौथ का व्रत किया था। कठोर तपस्या और संयम के बाद जब उन्होंने चंद्रमा के दर्शन किए, तो उनमें भगवान शिव की झलक दिखाई दी। तभी से यह परंपरा जुड़ गई कि इस व्रत का पारायण पति के दर्शन और चंद्रमा अर्घ्य के साथ किया जाता है।कोरबा नगर सहित आसपास के उपनगरीय क्षेत्रों में भी महिलाओं ने इस पावन पर्व को पूरे उत्साह के साथ मनाया। सुबह स्नान-ध्यान कर सुहागिनों ने व्रत का शुभारंभ किया। मध्यान्ह के समय घर-घर में भक्ति गीत और भजन-कीर्तन गूंजते रहे। कई स्थानों पर सामूहिक कथा वाचन और पूजन कार्यक्रम आयोजित किए गए।शाम ढलने के साथ महिलाएं सोलह श्रृंगार से सजी-धजी, थाली में दीपक और छलनी लेकर चांद का इंतजार करती रहीं। चंद्रमा के दर्शन के बाद उन्होंने जल अर्घ्य अर्पित कर अपने पतियों की आरती उतारी और व्रत का पारायण किया।