
सीसीटीवी फुटेज के बाद पकड़े गए आरोपी
कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कोरबा एरिया के अंतर्गत रजगामार प्रोजेक्ट के ओमपुर रेजिडेंशियल कॉलोनी में ट्रांसपोर्टर अनिल यादव की हत्या करने के मामले में 3 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद शेष सह आरोपी गिरफ्त से बचे हैं। मृतक की पत्नी संगीता ने सरकार को याद दिलाया है कि हर तरफ सुशासन की बयान चल रही है और लोग इस पर भरोसा कर रहे हैं। इसलिए पति की हत्या के मामले में बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द होना चाहिए। उनके स्वच्छंद विचरण से काफी कष्ट हो रहा है ।
14 मार्च 2025 को होली का त्यौहार था और इसी रात्रि को संगीता यादव के पति अनिल यादव की हत्या कर दी गई। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी खरमोरा मैं निवास करने वाली संगीता ने बताया कि उसके पति अनिल यादव की 14 मार्च 2025 को पुलिस चौकी रजगामार अंतर्गत प्रेमनगर मोहल्ले में वहां के लडक़ों के द्वारा हत्या किया गया। पुलिस को दिए गए सी.सी.टी.व्ही. फुटेज में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि हत्या कर सबूत मिटाने के उ?द्देश्य से हत्या करने के बाद अनिल यादव को मुख्य सडक़ के गली में फेककर उन्हें मोटर सायकल से गिरने से मौत बताते रहे। हत्या में सम्मिलित लडक़े जो हत्या करने के बाद उन्हें उठाकर लाकर नाली किनारे फेंक रहे हैं, के द्वारा ऐसा षड्यंत्र रचा गया था जबकि सी.सी.टी.व्ही. फुटेज में 14 मार्च को दोपहर 3:43 से 3:48 बजे में स्पष्ट दिखाई दे रहा है की अनिल यादव को वहां मारपीट करते आरोपी के घर के सामने व दुकान के बगल में ले जाकर मारा गया है। सभी उपद्रवी लडको के मार से अनिल की हत्या करने के बाद सभी हत्यारों ने एक्सीडेंट से मौत दिखाने के उ?द्देश्य से उन्हें नाली के किनारे फेककर साक्ष्य छिपाने का काम किया है। एक राय होकर उठाकर लाने वाले सभी हत्यारे लडक़ों के मार से 5 मिनट में ही अनिल की मौत हो गई।पति के हत्या में पकड़ाए आरोपियों के साथ एक लडक़ा अनिल के नाक और छाती में चढक़र मारपीट किया है और पति की हत्या के बाद भी साक्ष्य को छिपाने व पुलिस को गुमराह करने के उद्देश्य से उठाकर लाने वाले लडको में भी वह फुटेज में स्पष्ट रूप से दिख रहा है।अनिल की हत्या के बाद भी मर्ग कायम करने के बाद आरोपी पक्ष ने पुलिस को गुमराह करने के लिए मोटर सायकल से गिरने से मौके पर मौत होने की झूठी कहानी रचकर पुलिस को झूठा बयान दिया था। पीडि़ता ने कहा कि यदि उसे सी.सी.टी.व्ही फुटेज नहीं मिलता और एसपी का सहयोग नहीं होता तो शायद पुलिस असली मुलजिम की खोजबीन नहीं करती और केस खत्म कर देते ।