
सहारनपुर। शहर विधानसभा क्षेत्र के सक्रिय कार्यकर्ता सम्मेलन की घटना से जिले में भाजपा में चल रही खींचतान को फिर पटल पर ला दिया है। शहर विधायक राजीव गुंबर ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए जैसे ही माइक संभाला तो पूर्व सांसद राघव लखन पाल भी कार्यक्रम छोडक़र निकल गए। हालांकि गुटबाजी के उभार के बाद डैमेज कंट्रोल के लिए सभी सम्मेलन की मुख्य अतिथि पूर्व राज्यसभा सदस्य व प्रदेश उपाध्यक्ष कांताकर्दम को गेट तक छोडऩे की दुहाई देने में जुटे हैं, लेकिन मुख्य अतिथि को विदा कर पूर्व सांसद के नहीं लौटने पर तीसरा खेमा चटखारे लेता दिख रहा है। यह पहला मौका नहीं है, जबकि अंदरूनी खेमेबाजी सामने आई हो। बात चाहे भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष पद की घोषणा होल्ड पर रखे जाने की हो या महानगर अध्यक्ष पर अपना आदमी बैठाने की मची होड़ की हो। इतना ही नहीं पिछले दिनों जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल बिजेंद्र कश्यप ने भी लेन-देन के विवाद को तूल देकर दावेदारी के पत्ते पीटने के लिए राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की व्यूहरचना बताई थी।