
इस्लामाबाद। पहलगाम हमले के बाद भारत ने भले ही अभी सिंधु नदी का पानी पूरी तरह नहीं रोका, लेकिन पाकिस्तान में सिंधु नदी के पानी के लिए आंदोलन चल रहा है।सिंध प्रांत में सिंधु नदी पर विवादास्पद नहरों के निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन सोमवार को और उग्र हो गया। सिंध के लोगों का कहना है कि नहर बनने से उन्हें पानी की किल्लत होगी, क्योंकि उनके हिस्से का पानी दूसरों राज्यों तक पहुंचाया जाएगा।सिंध को पंजाब से जोडऩे वाला राष्ट्रीय राजमार्ग प्रदर्शन के चलते कई दिनों से अवरुद्ध है, जिससे लगभग 12 हजार मालवाहक वाहन फंस गए हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा बुलाई गई बैठक में भी कोई फैसला नहीं हो सका।बैठक में पाकिस्तान के चारों प्रांतों के मुख्यमंत्रियों के साथ ही वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब, स्वास्थ्य मंत्री मुस्तफा कमाल और कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने भाग लिया। इस बीच, सिंध में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की प्रांतीय सरकार ने धमकी दी कि अगर संघीय सरकार नहरों के निर्माण की अपनी योजना जारी रखती है तो वे संघीय सरकार से बाहर हो जाएंगे।प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो को आश्वासन दिया है कि प्रांतों के बीच सहमति के बिना नहर निर्माण के संबंध में कोई एकतरफा निर्णय नहीं लिया जाएगा।ऑल पाकिस्तान गुड्स ट्रांसपोर्ट ओनर्स एसोसिएशन ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है, क्योंकि विरोध प्रदर्शनों के कारण लंबे समय से सडक़ें अवरुद्ध हैं, जिससे जिससे कारोबारी गतिविधियां बाधित हुई हैं।