मुंबई। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य राष्ट्र की संपत्ति को “गांधी परिवार द्वारा निजी इस्तेमाल के लिए” कब्जे में लेने से बचाना है।

ईडी की कार्रवाई राष्ट्र की संपत्ति को बचाने के लिए है- गोयल

उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक विरासत की आड़ में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी अब बंद हो चुके नेशनल हेराल्ड अखबार के जरिए मूल रूप से जनहित के लिए बनाई गई संपत्ति पर नियंत्रण करने की साजिश में शामिल थे।
कहा, “इसका इस्तेमाल लोगों के लिए किया जाना चाहिए, न कि गांधी परिवार के लिए, जो इसे अपने हितों के लिए रखने की कोशिश कर रहा था।”गोयल ने कहा, “नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की कार्रवाई राष्ट्र की संपत्ति को बचाने के लिए है।”
उन्होंने कहा कि ऐसी संपत्ति लोगों को वापस कर दी जानी चाहिए। उन्होंने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की।

गांधी परिवार ने सरकारी जमीन का दुरुपयोग किया- गोयल

उन्होंने कहा, “जब ईडी ने कार्रवाई की तो कांग्रेस के नेता सड़कों पर उतर आए और विरोध जताया। मैं कांग्रेस पार्टी, उनके असहाय नेताओं और गांधी परिवार की कार्रवाई की निंदा करता हूं। उन्होंने सरकारी जमीन का दुरुपयोग किया और उसका मालिकाना हक बदल दिया।” उधर, भाजपा प्रवक्ता प्रत्यूष कंठ ने कहा कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में फर्जी रेंट एग्रीमेंट, अग्रिम किराया भुगतान और फर्जी विज्ञापनों का इस्तेमाल धन शोधन के लिए किया। उन्होंने कांग्रेस के इस दावे का खंडन किया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ आरोपों में कोई दम नहीं है।

गांधी परिवार ने 5,000 करोड़ का वित्तीय घोटाला किया : पीयूष

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कांग्रेस पर हमला करते हुए गांधी परिवार पर नेशनल हेराल्ड मामले में 5,000 करोड़ रुपये के बड़े वित्तीय घोटाले का आरोप लगाया।

सोनिया और राहुल गांधी ने रची साजिश

मीडिया से बातचीत में गोयल ने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी ने सार्वजनिक संपत्ति को हड़पने की साजिश रची है जोकि मूल रूप से नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र के लिए पत्रकारिता के उद्देश्यों के तहत आवंटित की गई थी। वे इसका व्यक्तिगत लाभ उठाना चाहते थे। गोयल ने कहा कि गांधी परिवार को पांच हजार करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया है, जो सही मायने में भारत के लोगों की होनी चाहिए।

नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की कार्रवाई राष्ट्र की संपत्ति को बचाने के लिए है

उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी संपत्तियां जोकि केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा मीडिया संस्थानों को दी जाती हैं, वे प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए होती हैं न कि किसी की निजी समृद्धि के लिए। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की कार्रवाई राष्ट्र की संपत्ति को बचाने के लिए है। ऐसी संपत्ति लोगों को वापस कर दी जानी चाहिए।