कोरबा । सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया की अनुसांगिक कंपनी एसईसीएल बिलासपुर के अधीन कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल अधिग्रहित ग्राम हरदीबाजार में प्रस्तावित त्रिपक्षीय बैठक का ग्रामीणों ने बहिष्कार कर दिया। ग्रामवासियों ने तहसील कार्यालय के गेट के सामने नारेबाजी करते हुए स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे। इस बैठक में एसडीएम पाली, अपर कलेक्टर और एसईसीएल दीपका प्रबंधक उपस्थित थे। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी लंबे समय से लंबित मांगों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। इसी नाराजगी के चलते उन्होंने बैठक को निरस्त कर दिया। इस दौरान पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर, सरपंच लोकेश्वर कंवर, नरेश टंडन, अजय दुबे, अनिल टंडन, विजय जायसवाल, श्याम जायसवाल, रामशरण कंवर सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे। पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर ने बताया कि भू-स्थापित और ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन के समक्ष गुहार लगा रहे हैं। हालांकि, अब तक उनकी मांगों पर कोई सहमति नहीं बन पाई है, जिसके कारण ग्रामीणों में गहरा असंतोष व्याप्त है। सरपंच लोकेश्वर कंवर ने आरोप लगाते हुए बताया कि एसईसीएल प्रबंधन ने वार्ता तो रखी है, लेकिन इससे पहले न तो बसाहट, न नौकरी और न ही सर्वे सूची जारी की गई है। नियमानुसार, पहले सर्वे सूची जारी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनकी मांगों को तहसीलदार द्वारा अनदेखा किया गया, जिससे ग्रामीणों में गहन आक्रोश व्याप्त है।विधायक प्रतिनिधि नरेश टंडन ने पुष्टि करी कि ग्रामीणों ने बैठक से पहले ही संबंधित विभाग और प्रबंधन को सूचित कर दिया था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक कोई वार्ता नहीं की जाएगी। इसके बावजूद बैठक बुलाई गई, जिसका ग्रामीणों ने बहिष्कार किया।
जिला प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर देवेंद्र पटेल ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि पहले सर्वे होना चाहिए, जिससे यह पता चल सके कि किसकी कितनी जमीन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल सरकारी संपत्ति और जो लोग सहमत हैं, उन्हीं का सर्वे किया जाएगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि किसी को जबरदस्ती रोकने की कोशिश करने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।