
जांजगीर/पामगढ़। ग्राम पंचायत की 5 एकड़ सरकारी भूमि को कूटरचना कर बैंक से 20 लाख रुपए का फर्जी लोन निकालने का अनोखा मामला सामने आया है। मामले में पामगढ़ एसडीएम ने तात्कालीन पटवारी समेत तीन लोगों के ऊपर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश भी दिया है। परन्तु इस मामले में आज तक एफआईआर नहीं हुई है। फाइल एसडीएम कार्यालय से लेकर मुलमुला थाने के बीच दो सालों से
घूम रही है। वहीं शासकीय भूमि आज भी बंधक है।सरकारी भूमि को बैंक में बंधक बनाकर फर्जी तरीके से लोन मामले का यह पूरा मामला पामगढ़ तहसील
अंतर्गत ग्राम पंचायत मुलमुला लमुला का का है, जहां खसरा नंबर 4/6 और 4/12 शासकीय भूमि है। है और ग्राम पंचायत मुलमुला में शामिल है। जिस पर गोठान, रीपा और तालाब निर्मित है।
इसके बावजूद वर्ष 2020 में उक्त भूमि के रिकार्ड में कूटरचना कर खसरा नंबर 4/6 रकबा 1.2000 हेक्टेयर एवं खसरा नंबर 4/12 रकबा 0.81000 हेक्टेयर भूमि को अपने नाम पर चढ़वाकर गांव के प्रफुल्ल पिता रविन्द्रनाथ ने एक्सिस बैंक दीपका जिला कोरबा की शाखा से 27.11. 2020 को 20 लाख रुपए का लोन निकाल लिया। विडंबना यह है कि पूरे मामले को दबाने में रसूखदार लगे हुए हैं।
लिखित शिकायत से हुआ पूरा खुलासा
गांव के अमरदास खांडे ने इसकी लिखित शिकायत की तब पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया। शिकायत पर जाच टीम बिठाई गई और तात्कालिन पामगढ़ एसडीएम ने जांच कराई जिसमें शासकीय भूमि को कूटरचित कर अपने नाम पर दर्ज कराने और 20 लाख रुपए का लोन निकालने वाले प्रफुल पिता रविन्द्रनाथ, लोन प्रकरण में सह आवेविका पफुल की मां मिजा यादव पिता रविन्द्रनाथ, तात्कालीन हल्का पटवारी, बैंक के तात्कालीन अधिकारी-कर्मचारी की संलप्तिता उजागर हुई। मामले में सभी के ऊपर एफआईआर के आदेश दिए थे।
तीन बार एफआईआर दर्ज कराने आदेश
शासकीय भूमि को कूटरचना कर बैंक से फर्जी लोन निकालने वालों के ऊपर एफआईआर दर्ज कराने अब तक पामगढ़ एसडीएम कार्यालय से 3 बार मुलमुला थाना को पत्र जारी किया जा चुका है लेकिन अब तक मामले में किसी के ऊपर एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। मूल दस्तावेज नहीं होने का हवाला देकर पुलिस एफआईआर नहीं कर रही।
मामले में तात्कालीन पटवारी
समेत तीन लोगों के ऊपर एफआईआर दर्ज करने मुलमुला थाना को पत्र लिखे हैं। प्रकरण पुराना है और पूरी जांच उनके कार्यकाल से पूर्व हो चुकी है। प्रकरण में कितने लोग दोषी हैं. इसकी जांच पुलिस करेगी।
देवेन्द्र चौधरी, एसडीएम पामगढ़