
जांजगीर चांपा। बम्हनीडीह ब्लाक के ग्राम सेमरिया में जल जीवन मिशन के तहत तकरीबन दो करोड़ रुपए का पानी टंकी का निर्माण किया गया है। जिसमें ग्रामीणों को दो बूंद भी पानी नहीं मिल पाया है। विडंबना यह है कि विभाग ने इस गांव की अब तक किसी तरह की सुध नहीं ली है।
इसके चलते ग्रामीणों को को इस इस गर्मी में में भी पीने के लिए दो बूंद पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में ग्रामीण अपनी परंपरागत जल स्त्रोतों से पानी पीने मजबूर हैं। गौरतलब है कि बम्हनीडीह ब्लाक के ग्राम सेमरिया में जल जीवन मिशन योजना के तहत पाती टंकी का निर्माण किया गया है। दो करोड़ रुपए की लागत से बने सिस्टम से लोगों को काफी उम्मीद थी कि अब योजना के तहत गांव के लोगों को भरपूर पानी मिलेगी। लेकिन यह उम्मीद लोगों के लिए नाइंसाफी साबित हो रहा है। दरअसल, ठेकेदार ने काम पूरा करने के बाद पलटकर नहीं देखा कि आखिर ग्रामीणों को पानी मिल रहा है या नहीं। सूत्रों ने बताया कि यहां तो न तो बारे खनन हुआ है और न ही जल स्त्रोत का पता है। ऐसे में ग्रामीणों को पानी मिलना तो दूर टंकी को सफेद हाथी की तरह देखने को मजबूर है। हैं।
गलियों को खोदा आज तक नहीं पाटा
ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार सुभाष बोरवेल सरसींवा का रहने वाला है। वह पूरे सिस्टम को बनाकर छोड़ दिया है। इसके बाद वह पलटकर नहीं देखा है। इसके बाद वह पलटकर नहीं देखा पानी नहीं मिल पाया। बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने गांव को पलटकर नहीं देखा। इसके चलते ग्रामीणों को बूंदभर पानी नहीं मिल पाया है।
कलेक्टर जिम्मेदार होंगे
जल जीवन मिशन के समरी बोर्ड में बकायदा कलेक्टर को अध्यक्ष जिला जल स्वच्छता मिशन का अध्यक्षबताया है। यानी कह सकते हैं कि पूरे मामले में कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। लेकिन कलेक्टर को इस बात का पता भी नहीं होगा कि सेमरिया में बिना पानी के टंकी में दो करोड़ डूब गए और ग्रामीणों को बूंदभर पानी नहीं मिल पाया है।