जांजगीर। सरकारी सिस्टम से जब उम्मीद टूटती है, तब कुछ लोग उम्मीद बन जाते हैं। शहर के समाजसेवी जितेंद्र अग्रवाल ने यही कर दिखाया है। नैला-सरखो होकर पहरिया जाने वाली 300 मीटर बदहाल सडक़ सालों से गड्ढों में तब्दील थी। दो साल से लोग मरम्मत कर रहे थे, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर तंग आकर जितेंद्र ने अपने खर्च पर गड्?ढे भरवाए। उन्होंने न टेंडर का इंतजार किया, न कोई सरकारी सहयोग लिया, सिर्फ समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना के साथ इसे अंजाम दिया। पहरिया होकर जाने वाली सडक़ रेलवे फाटक के उस पार वार्ड नंबर-1 की लाइफ लाइन है। यहां से कोरबा सहित कई स्थानों के लिए रोजाना सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। दो साल से लगातार सडक़ मरम्मत की मांग की जा रही थी। रेलवे विभाग और शासन-प्रशासन को बार-बार ज्ञापन, आवेदन और समाचार पत्रों के माध्यम से अवगत कराया गया, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। समाजसेवी जितेंद्र अग्रवाल के अनुसार इस रोड को लेकर स्थानीय लोग दो साल से शिकायत कर रहे थे। बरसात में स्थिति और भी बदतर हो जाती थी।